उत्तर प्रदेश विधानसभा अब आधुनिक तकनीक से लैस होगी. साथ ही ई-विधान लागू करने वाला देश का पहला राज्य भी यूपी ही बनेगा. 23 मई से विधानसभा सत्र भी आहूत होगा.
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में होने वाले इन बदलावों की विस्तृत जानकारी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दी. एक प्रेसवार्ता में महाना ने बताया कि सभी प्रदेशों को ई-विधान लागू करने के लिए निर्देश मिले हैं. इस क्रम में यूपी देश का सबसे पहला सूबा है जहां ई-विधान लागू हुआ है.
अब विधानसभा में सभी विधायकों के लिए सीट निर्धारित रहेगी. विधानसभा के अंदर 37 सीटें बढाई भी गईं हैं. यह सीटें उन मंत्रियों के लिए उपयोग में आयेंगीं जो कि विधान परिषद के सदस्य हैं। अब सभी विधायकों की सीटों पर ही उनके लिए बजर, प्रोसिडिंग आदि उपलब्ध होगी.
सभी सदस्यों को अपनी सीट पर ही ई-विधान की सब सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त देश की सभी विधानसभाओं से ई- विधान से संपर्क बनाने की सुविधा भी होगी. मंत्रियों के सभी उत्तर ई-विधान डिवाइस पर उपलब्ध होंगे. प्रत्येक प्रश्न पर कम से कम दो अनुपूरक और नेता प्रतिपक्ष के लिए एक अनुपूरक की सुविधा होगी.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इससे सदन का समय बचेगा. सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया गया है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को भी आना था, पर अपरिहार्य कारणों से वो नहीं आ पाए. इस सम्बन्ध में उनसे टेलीफोन पर वार्ता हो गयी है साथ ही उनका पत्र भी आ गया है.
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सतीश महाना ने बताया कि विधानसभा की कार्यवाही अब दूरदर्शन के अलावा फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव प्रसारित होगी। सूचनाओं को भी ई-विधान डिवाइस के माध्यम से ही लिया जाएगा। चूंकि सदस्यों को इसको सिखने में समय लग सकता है इस लिए पहले सत्र में कार्यवाई हार्ड कॉपी में भी उपलब्ध होगी. पर दूसरे या तीसरे सत्र से इसे पूरी तरह से पेपरलेस किया जायेगा.