कपिल सिब्बल ने भले ही कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ दिया हो पर पार्टी के लिए उनके तेवर नर्म ही हैं. एक मीडिया हाउस को दिए अपने इंटरव्यू में सिब्बल ने तीसरे मोर्चे के लिए कांग्रेस को अहम बताया है. सिब्बल ने कहा ‘मेरी कोशिश होगी की सारे विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया जाये. कांग्रेस एक अहम नेशनल पार्टी है इसलिए उनकी भूमिका तो रहेगी ही.’
कपिल सिब्बल अब सपा के सहयोग से राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं. वो पहले ही बता चुके हैं कि उन्होंने बीते 16 मई को ही कांग्रेस छोड़ दिया था. सिब्बल राज्यसभा के निर्दल उम्मीदवार हैं और सपा ने इनका सहयोग करने की घोषणा की है. इसके लिए सिब्बल ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद कहा.
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अपने इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा कि जब मैं सदन में पहुचुंगा तो मैं तय करूंगा कि क्या मुद्दे उठाने हैं. मुझे इस बात की ख़ुशी है कि अब मैं किसी दल का नहीं हूं. मेरी आवाज़ स्वतंत्र आवाज होगी. ऐसा मौका इतिहास में भुत कम लोगों को मिलता है.
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परिवारवाद पर कांग्रेस पार्टी की जम कर मुखालफत करने वाले सिब्बल के अखिलेश पर अलग विचार हैं. लगातार चुनावों में हार के बाद राहुल गांधी पर सिब्बल ने कई सवाल उठाया था. राहुल के लिए फैसलों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि आखिर राहुल किस अधिकार से ऐसे फैसले लेते हैं, जब वे पार्टी में कुछ हैं ही नहीं. इतना ही नहीं 5 राज्यों के चुनावों में मिली हार के बाद सिब्बल ने यहां तक कहा कि अब घर की कांग्रेस के बजाये सबकी कांग्रेस होनी चाहिए.
कांग्रेस में बदलाव की मांग करने वाले कांग्रेस नेताओं के समुह G-23 में भी सिब्बल शामिल रहे. पर अखिलेश को लेकर सिब्बल के विचार अलग हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश ने कई चुनाव जीता है. 5 वर्ष उन्होंने यूपी में सरकार चलायी है. जनता को अपनी काबिलियत दिखाई है. ऐसे में वो सिर्फ एक परिवार से आते हैं इसलिए राजनीतिक भूमिका नहीं निभा सकते यह बात गलत है.
बताते चलें कि जयंत चौधरी और जावेद अली के अलावा कपिल सिब्बल राज्यसभा के लिए सपा के उम्मीदवार हैं. पहले इस सूची में डिम्पल यादव का नाम होने की संभावना जताई जा रही थी.